daku लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
daku लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, दिसंबर 18, 2020

क्या किया

घोर अंधरा था, दूर दूर तक सन्नाटा, हाथ को हाथ सुझाई नहीं दे रहा था। ऐसे अंधेरे में चमक रही थी, दो आंखें। यह आंखें हकीकी है। चलिए हम आवाज के करीब चलते हैं, अरे यह तो जंगल का राजा शेर हैं, लेकिन यह यहां कैसे, अरे यह तो पिंजरे में है। 


हे जंगल के राजा, तुम कैसेरें में कैसे?

बाहर शिकार पकड़ने गया था, लेकिन खुद ही पकड़ा गया था। ऐसे कैसे?
क्या तुम मुझसे खाए नहीं निकाल सकते।
नहीं, क्योंकि मैं तो यहां नहीं हूं, लेकिन हां मैं किसी ओर को संग्रह हूं। उधर देख वो ब्राह्मण, शायद वो निकाल दे। वह तो कुछ गुनगुना रहा है, 
मैं तो गया जिधर चले गए रिस्ता, होगा कोई मेरा भी साथी ...।
तेरा साथी यहाँ पगले, किसी ने उसे कैद कर लिया है, आके उसे छुड़ा दे।
अरे यह मुझे पुकारा है। अरे यह तो जंगल का राजा है।
आप यहाँ आए।
आप पुकारा और हम चले आए, जान हथेली पर ले आए रे।
आए हैं तो मुझे कैद से निकालिए। 
पहले पंजे अंदर डालिए। सोचता हूँ कि मैं तुमसे हूँ न 
निकालूं 
ऐसा क्या हो सकता है, काहे मुझसे डरते हो। मुझे अगर निकालोगे तो अभयदान भी पा लोगे।
वो तो सब ठीक है, लेकिन तुम्हारा क्या भरोसा, तुम मुझ पर ही हाथ साफ कर दो।
मैं वचन देता हूं, मैं तुम्हें मारूंगा नहीं।
हे ब्राह्मण देव यह क्या कर रहे हो।
चुप करो तुम, खुद तो हटाते ही नहीं किसी और को भी मना करते हो।
खुल गया कुंडी, हो गया मैं आजाद।
लेकिन क्या करूं, भूख लग गई मुझे सामने तुम ही हो।
मुझे खुश कर दो, मेरा पेट काट दो।
लेकिन मेरे यार, तुम से पिंजरे से निकाला गया और तुम 
अरे यार, तो मैं भी तुम्हें तुमसे इस अस्थि पिंजर से निकाल रहा हूं, तुम मुझे कैद से निकाला, तो मैं ऐसा उपहारघ्न कैसे हो सकता हूं कि तुम कैद में छोड़ दूं, मैं तुम्हें जन्म जन्ममतर की कैद से मुक्त कर रहा हूं।इस्सार । आजाद
तुम ऐसा नहीं कर सकते।
मैं बिल्कुल ऐसा कर सकता हूं।
भलाई के मोड़ भलाई की जगह बच क्या यही दुनिया की रीत है।
बिल्कुल। वह रीत है।
विश्वास नहीं हो कुछ और दोपहर से पूछते हैं।
किसी ने भी यह कहा, भलाई के बदले भलाई होती है तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा, मंजूर
मंजूर, चलो पूछते हैं 
और यह निकल पड़े हैं बात साबित करने के लिए
क्या होगा, क्या ब्राह्मण के प्राण बचेंगे या वह मारा जाएगा हम और आप देखते हैं।



शुक्रवार, अप्रैल 28, 2017

500